चानू की सफलता दर्शाती है कि कैसे लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टीओपीएस) कार्यक्रम ने हमारे एथलीटों के विकास और भारत की पदक प्राप्त करने की उम्मीदों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है: खेल मंत्री
सरकार द्वारा मुझे दी गई हर प्रकार की मदद के लिए मैं आभारी हूं, जिसके बिना ओलंपिक पदक की यह यात्रा संभव नहीं होती: सुश्री मीराबाई चानू
टोक्यो ओलंपिक में भारत की प्रथम पदक विजेता साइखोम मीराबाई चानू और उनके कोच विजय शर्मा आज शाम स्वदेश वापस लौट आये हैं। उनकी भारत वापसी पर उनका अभूतपूर्व तरीके से स्वागत किया गया और केंद्रीय खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने उनके आवास पर उनका अभिनंदन किया। केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू और केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय पोत, पत्तन परिवहन और जलमार्ग मंत्री और आयुष मंत्री, श्री सर्बानंद सोनोवाल और युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री, श्री निसिथ प्रमाणिक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
यह पहली बार है, जब चानू ने महिलाओं की 49 किलोग्राम भार वर्ग की भारोत्तोलन स्पर्धा में रजत पदक जीता है। चानू, 1 मई को संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रसिद्ध चिकित्सक, शक्ति और कंडीशनिंग कोच डॉ. आरोन होर्चिग के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद हवाई जहाज से भारत आई थी। कोविड-19 रोगियों की संख्या में वृद्धि के कारण कुछ दिनों के भीतर भारत से आने वाले लोगों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में यात्रा प्रतिबंध के कारण भारत सरकार ने चानू के लिए बहुत ही कम समय के नोटिस पर विमान से यात्रा करने की व्यवस्था की थी।
जीत से उत्साहित चानू ने कहा यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है। मैं इस पल के लिए कई वर्षों से प्रशिक्षण ले रही थी और मुझे खुशी है कि यह सब मेरे लिए सबसे बड़े खेल आयोजन ओलंपिक में संभव हुआ।” चानू ने सरकार से मिले सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने खास तौर से दो यात्राओं, पिछले साल और हाल की संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के लिए मिले सहयोग के लिए सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा “मेरे कंधे से संबंधित समस्याओं को दूर करने में पिछले साल की अमेरिका की यात्रा ने इस पदक को जीतने में अहम भूमिका निभाई है।”चानू ने कहा सरकार ने जिस तरह से कई वर्षों तक मुझे समय-समय पर सहयोग दिया है, उसी वजह से आज यह संभव हो पाया है। बिना उनके समर्थन के यह उपलब्धि हासिल करना संभव नहीं था। इसके लिए मैं उनकी आभारी हूं। उन्होंने यह भी कहा कि मैं खासतौर से यह कहना चाहूंगी कि ‘लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टीओपीएस) ने मेरे करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और पदक की संभावनाओं को बढ़ाने में विशेष तौर पर मदद की है।”
श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने चानू को बधाई देते हुए कहा, “मीराबाई चानू की जीत 130 करोड़ भारतीयों की जीत है, जो टोक्यो में पदक समारोह में भारत का झंडा फहराने और राष्ट्रगान के बजने पर गर्व महसूस कर रहे थे। ओलंपिक इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी भारतीय ने पहले ही दिन पदक जीता है। उनकी सफलता यह भी दिखाती है कि कैसे टीओपीएस कार्यक्रम ने हमारे खिलाड़ियों के विकास व भारत की पदक उम्मीदों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी सरकार खेल प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने का काम करना जारी रखेगी और उन्हें उच्चतम स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए हर सुविधा प्रदान करेगी। उनके प्रदर्शन ने पूरे देश को आकांक्षाओं से भर दिया है। वे पूर्वोत्तर से और भी अधिक खिलाड़ियों की एक पीढ़ी को प्रेरित करेंगी।”
केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि टोक्यो रवाना होने से पहले जब हमने बात की, तो उन्होंने वादा किया था कि वह देश के लिए पदक लाएंगी और वे अपने शब्दों पर खरी उतरीं, उन्होंने अपना वादा पूरा किया। मंत्री ने आगे कहा, “प्रत्येक भारतीय की तरह मैं भी इस प्रतिष्ठित उपलब्धि से बहुत उत्साहित और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। वे भारत में जो गौरव और सम्मान लाई हैं, वह वर्षों की दृढ़ता, समर्पण और अत्यधिक मेहनत का परिणाम है और वे उस हर प्रशंसा की पात्र हैं, जो उन पर बरस रही हैं।”
केंद्रीय मंत्री श्री किशन रेड्डी ने कहा, “ये देखते हुए मेरा दिल गर्व से भर जाता है कि हमारी बेटियां मां भारती को गौरवान्वित कर रही हैं। गले में रजत पदक पहने, उस आसन पर खड़ी मीराबाई ने हर भारतीय का दिल जीत लिया है। सफलता की ओर उनकी ये यात्रा न केवल खेल समुदाय के लिए बल्कि हरेक उस युवा के लिए प्रेरणा है जिसके कुछ सपने और लक्ष्य हैं। मैं इस अवसर पर पूर्वोत्तर राज्यों में खेल और फिटनेस गतिविधियों के प्रति अपना उत्साह दर्ज करना चाहूंगा और मुझे खुशी है कि ये सक्रिय खेल संस्कृति भारत को गौरवान्वित कर रही है।
केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने मीराबाई को उनकी उपलब्धि पर बधाई दी और कहा कि आपने हमारे पूरे देश को प्रेरित किया है और हम सभी को आप पर गर्व है।
श्री प्रमाणिक ने भी इस विजेता भारोत्तोलक की प्रशंसा करते हुए कहा, “ये पदक वर्षों की कड़ी मेहनत और तैयारी का परिणाम है। ये 135 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व की बात है क्योंकि उन्होंने आपको उस बड़े मंच पर वो भार उठाते हुए और पदक जीतते देखा। ये आपकी शानदार यात्रा में जुड़ा एक सुनहरा अध्याय है और मुझे पूरा यकीन है कि आप यहीं नहीं रुकेंगी। ये मेरा और पूरे देश का आपको आशीर्वाद है कि आप आने वाले वर्षों में और ज्यादा पदक जीतें।”